दादाजी धाम में भक्ति और सेवा का संगम पूड़ियां तलते दिखे सांसद, हजारों श्रद्धालुओं ने आरती में लिया हिस्सा, 2000 सेवादारों ने संभाली व्यवस्था

दादाजी धाम में भक्ति और सेवा का संगम

पूड़ियां तलते दिखे सांसद, हजारों श्रद्धालुओं ने आरती में लिया हिस्सा, 2000 सेवादारों ने संभाली व्यवस्था

खंडवा | 10 जुलाई 2025
खंडवा के विश्वप्रसिद्ध दादा धूनीवाले मंदिर में गुरुपूर्णिमा पर्व की पूर्व संध्या पर भक्ति, सेवा और जनसहभागिता का अद्वितीय संगम देखने को मिला। दादाजी धाम में हजारों श्रद्धालुओं ने शाम को महाआरती में हिस्सा लिया, तो वहीं 2000 से अधिक सेवादारों ने व्यवस्थाएं संभालीं। आयोजन में भंडारों की भरमार रही— कहीं डोसा, तो कहीं खिलौनों के स्टॉल ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।


🛕 दिनभर उमड़ा आस्था का सैलाब

सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। शाम 7 बजे तक पौने दो लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। एक दिन पहले बुधवार को ही 20 हजार लोगों ने दर्शन लाभ लिया था। महाआरती के समय मंदिर परिसर तालियों की गूंज और भक्ति गीतों से गूंज उठा।


🛐 मंदिर में आरती और सेवा का विस्तृत शेड्यूल

समय कार्यक्रम
4:00 – 5:00 AM समाधि स्नान
5:00 – 5:30 AM मंगल आरती
7:30 – 9:15 AM पूजन और बड़ी आरती
9:30 – 10:00 AM समाधि सेवा
4:00 – 5:00 PM स्नान
5:00 – 5:30 PM छोटी आरती
8:00 – 9:15 PM बड़ी आरती
9:30 – 10:00 PM समाधि सेवा

🍛 सेवा में सांसद भी आगे

शहर में 500 से अधिक स्थानों पर भंडारे आयोजित किए गए, जिनमें पूड़ी-सब्जी, डोसा, मंगौड़ी जैसी विविध प्रसादी वितरित की गई। खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटील ने स्वयं पूड़ियां तलकर व रोटियां सेंककर प्रसादी वितरण में भाग लिया, जिसने श्रद्धालुओं को सेवा की मिसाल दी।


🚨 सुरक्षा में प्रशासन की सतर्कता

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने 850 पुलिसकर्मी, 13 कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, और मुख्य चौराहों पर DSP व TI स्तर के अधिकारी तैनात किए। मंदिर परिसर में कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया।


🚪 प्रवेश व्यवस्था में बदलाव

सुबह 9 बजे तक श्रद्धालुओं को मेन गेट से प्रवेश दिया गया, लेकिन भीड़ बढ़ने पर गेट नंबर-6 को खोलकर प्रवेश शुरू किया गया।
समाधियों पर फूल-माला, नारियल और चादर चढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

ट्रस्टी शांतनु दीक्षित ने बताया: “समाधियों पर प्रसादी चढ़ाने से सेवा में बाधा आती है, इसलिए केवल प्रणाम की अनुमति दी गई है।”


🔥 79 साल पुरानी मशाल जुलूस पर विराम

गुरुपूर्णिमा महोत्सव का पारंपरिक मशाल जुलूस, जो पिछले 79 वर्षों से निकाला जाता रहा है, इस बार प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के कारण नहीं निकल पाया।
जलगांव (महाराष्ट्र) से पैदल आने वाले जत्थे की मशाल परिक्रमा को रोक दिया गया है।
हालांकि, एसपी मनोज कुमार राय ने 11 लोगों के सीमित मशाल जुलूस की अनुमति देने का आश्वासन दिया है।


📌 मुख्य बिंदु:

  • 1.75 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे दादाजी धाम

  • 2000+ सेवादारों ने दर्शन व्यवस्था संभाली

  • सांसद ने पूड़ी तलकर सेवा की

  • 500 से अधिक भंडारे, प्रसादी में डोसा तक शामिल

  • सुरक्षा में भारी पुलिस बल तैनात

  • मशाल जुलूस पर प्रशासन ने लगाई रोक


📸 तालियों की गूंज, दीपों की रोशनी और श्रद्धा की ऊर्जा से गूंजता रहा दादाजी धाम…
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